थॉमसन का परमाणु मॉडल, थॉमसन के परमाणु मॉडल के निष्कर्ष, विशेषताएं थॉमसन का परमाणु मॉडल का चित्र, थॉमसन के परमाणु मॉडल की सीमाएँ से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां इसमें शामिल की गई है।
थॉमसन का परमाणु मॉडल
जे.जे. थॉमसन (1898) के अनुसार परमाणु एक समान आवेशित गोला (त्रिज्या लगभग 10-10m) होता है, जिस पर धनावेश समान रूप से वितरित रहता है तथा इसके ऊपर इलेक्ट्रॉन इस प्रकार धंसे रहते हैं कि स्थायी स्थिर वैद्युत व्यवस्था प्राप्त हो जाती है। इसे प्लम पुडिंग, रेजिन पुडिंग या तरबूज मॉडल भी कहते हैं। इसमें धनावेश को पुडिंग या तरबूज तथा इलेक्ट्रॉन को प्लम या ‘बीज की तरह माना गया है।
इस परमाणु मॉडल का एक महत्त्वपूर्ण लक्षण यह है कि इसमें परमाणु के द्रव्यमान को समान रूप से वितरित माना गया है। यद्यपि यह मॉडल परमाणु की विद्युत उदासीनता को स्पष्ट करता है लेकिन यह भविष्य के प्रयोगों जैसे रदरफोर्ड के प्रकीर्णन प्रयोग तथा परमाणु के रेखीय स्पेक्ट्रम की व्याख्या नहीं कर सका ।
थॉमसन के परमाणु मॉडल के निष्कर्ष :
- एक परमाणु एक धनावेशित क्षेत्र है जिसमें इलेक्ट्रॉन मौजूद होते हैं।
- किसी परमाणु में धन आवेशित प्रोटॉन और ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन का मान समान होता है, इसलिए परमाणु उदासीन होता है।
- यह मॉडल हाइड्रोजन के स्पेक्ट्रम की व्याख्या करने में विफल रहा अतः इसे अस्वीकृत कर दिया गया
थॉमसन के परमाणु मॉडल का दूसरा नाम क्या है ?
थॉमसन के परमाणु मॉडल को प्लम पुडिंग मॉडल के नाम से भी जाना जाता है।
थॉमसन ने परमाणु मॉडल कब दिया था ?
जे.जे. थॉमसन (1898) के अनुसार परमाणु एक समान आवेशित गोला (त्रिज्या लगभग 10-10m) होता है, जिस पर धनावेश समान रूप से वितरित रहता है जिसमें इलेक्ट्रॉन एक तरबूज में बीज की तरह होते हैं।
थॉमसन का परमाणु मॉडल का चित्र :
थॉमसन के परमाणु मॉडल का चित्र :
थॉमसन के परमाणु मॉडल की सीमाएँ :
- थॉमसन का परमाणु मॉडल अन्य वैज्ञानिकों (जैसे, रदरफोर्ड) के प्रयोगों के परिणामों की व्याख्या नहीं कर सकता, जैसे परमाणु में एक नाभिक का अस्तित्व।
- यह मॉडल हाइड्रोजन के स्पेक्ट्रम की व्याख्या करने में विफल रहा
- यह मॉडल यह नहीं बताता कि परमाणु के अंदर इलेक्ट्रॉन किस प्रकार व्यवस्थित होते हैं।