इस पोस्ट में, हमने द्विघात समीकरण [ Quadratic equation in Hindi ] से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को शामिल किया है।
जैसे- द्विघात समीकरण किसे कहते है ? परिभाषा ,द्विघात समीकरण के मूलों की प्रकृति जैसे महत्वपूर्ण टॉपिक को अच्छे से समझाने की कोशिश करी है
श्रीधराचार्य सूत्र, द्विघात समीकरण को हल करने की विधि और गुणांक और मूल के बीच संबंध तथा द्विघात समीकरण कैसे बनाएं? इन सभी टॉपिक की सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है।
द्विघात समीकरण किसे कहते है ? परिभाषा
quadratic equation in Hindi एक द्विघात बहुपद, जब शून्य के बराबर होता है, द्विघात समीकरण बन जाता है। समीकरण को संतुष्ट करने वाले x के मान को द्विघात समीकरण के मूल कहा जाता है।
OR
द्विघात समीकरण (Quadratic equation) एक बहुपद, जिसकी घात 2 है, इसे शून्य के बराबर करने पर द्विघात समीकरण कहलाता है। इसे सामान्यत:
f(x) \equiv a x^{2}+b x+c=0 जहाँ a, b, c in तथा x एक चर है, द्वारा व्यक्त किया जाता है।
👉इसे वर्ग समीकरण भी कहते है
द्विघात समीकरण के मूल (Roots of a quadratic equation in Hindi) :
x कें वह मान, जो समीकरण a x^{2}+b x+c=0 को संतुष्ट करते हैं, समीकरण alpha x^{2}+b x+c=0 के मूल कहलाते हैं। समीकरण a x^{2}+b x+c=0 के इन्हे शून्यक भी कहते है
or
एक समीकरण f (x) = 0 की वास्तविक मूल उन बिंदुओं के x- निर्देशांक हैं जहां वक्र y = f (x) x- अक्ष को प्रतिच्छेद करता है।
👉द्विघात समीकरण की मूल में से एक शून्य है और दूसरा -b / a if c = 0 है
👉दोनों मूल शून्य हैं यदि b = c = 0
द्विघात समीकरण का सूत्र क्या है? द्विघात समीकरण का फार्मूला
द्विघात समीकरण का सूत्र क्या है?
श्रीधराचार्य सूत्र-
x=(α, β) = =\frac{-b \pm \sqrt{b^{2}-4 a c}}{2 a}
द्विघात समीकरण को हल करने की विधि (Solution of quadratic equation)
गुणनखण्ड विधि (Factorization method) :
माना \alpha x^{2}+b x+c=a(x-\alpha)(x-\beta)=0, तब x=\alpha तथा x=\beta दिये गये समीकरण को संतुष्ट करते हैं।
अतः समीकरण को रेखीय गुणनखंडों में विभक्त करते हैं तथा प्रत्येक गुणनखंड को शून्य के बराबर रखकर समीकरण के मूल प्राप्त करते हैं। उदाहरण : 3 x^{2}-2 x+1=0 \Rightarrow(x-1)(3 x+1)=0;x=1,-1 / 3
श्रीधराचार्य सूत्र विधि (Sri Dharacharya method):
द्विघात समीकरण को निम्न प्रकार पूर्ण वर्ग बनाते हैं; a x^{2}+b x+c=0 \Rightarrow x^{2}+\frac{b}{a} x+\frac{c}{a}=0 \left(\frac{\mathrm{b}}{2 a}\right)^{2} जोड़ने तथा घटाने पर, \left[\left(x+\frac{b}{2 a}\right)^{2}-\frac{b^{2}-4 a c}{4 a^{2}}\right]=0 से, x=\frac{-b \pm \sqrt{b^{2}-4 a c}}{2 a}
इस प्रकार, वर्ग समीकरण \alpha x^{2}+b x+c=0(a \neq 0) के दो मूल \alpha=\frac{-b+\sqrt{b^{2}-4 a c}}{2 a},\beta=\frac{-b-\sqrt{b^{2}-4 a c}}{2 a}
प्रत्येक द्विघात समीकरण के दो तथा केवल दो मूल होते हैं।
द्विघात समीकरण के मूलों की प्रकृति
मूलों की प्रकृति (Nature of roots)
द्विघात समीकरण a x^{2}+b x+c=0 में राशि D, जिसे समीकरण का विविक्तकर कहते हैं ,यह मूलों की प्रकृति निर्धारित करता है D=b^{2}-4ac</span>
D के मान की गणना करके मूलों की प्रकृति ज्ञात की जा सकती है :
👉यदि और केवल यदि D \equiv b^{2}-4 a c>0 समीकरण के मूल वास्तविक तथा भिन्न (असमान) होते हैं
👉यदि और केवल यदि D \equiv b^{2}-4 a c=0 समीकरण के मूल वास्तविक तथा सम्पाती (समान) होते हैं
👉यदि और केवल यदि D \equiv b^{2}-4 a c<0 समीकरण के मूल सम्मिश्र
\alpha \pm i \beta, \alpha \neq 0, \quad \beta \neq 0 \in R
(अधिकल्पित) होते हैं।
👉समीकरण के मूल परिमेय होंगे यदि और केवल यदि a, b, c \in Q (परिमेय संख्या) तथा D \equiv b^{2}-4 a c एक (परिमेय संख्या का) पूर्ण वर्ग है।
👉समीकरण के मूल (असमान) अपरिमेय अथवा करणी के रूप में होंगे यदि और केवल यदि D \equiv b^{2}-4 a c>0 तथा पूर्ण वर्ग नहीं हो (a, b तथा c के परिमेय होने पर भी) यदि p+\sqrt{q} ( p, q परिमेय) एक अपरिमेय मूल हो तब p-\sqrt{q} भी एक मूल होगा (a, b, c परिमेय)
द्विघात समीकरण के गुणांक और मूल के बीच संबंध
(Relations between roots and coefficients)
यदि \alpha तथा \beta, वर्ग समीकरण a x^{2}+b x+c=0,(a \neq 0) के मूल हैं,
तब, मूलों का योगफल =S=\alpha+\beta=\frac{-b}{a}
मूलों का गुणनफल =P=\alpha \cdot \beta=\frac{c}{a}</span>
मूलों से द्विघात समीकरण कैसे बनाएं?
दिये गये मूलों से समीकरण का निर्माण (Formation of an equation with given roots): वर्ग समीकरण (x-\alpha)(x-\beta)=0 से प्राप्त
मूल \alpha तथा \beta हैं, \therefore x^{2}-(\alpha+\beta) x+\alpha \beta=0, अर्थात् x2-( मूलों का योग)x+मूलों का गुणनफल =0 ∴x2−Sx+P=0
Q.1 मूल का पता लगाएं
i) दिया,x2 – 3x – 10 = 0
LHS लेना,
= x2 – 5x + 2x – 10
= x (x – 5) + 2 (x – 5)
=> (x – 5) (x + 2)
इस समीकरण की मूल , x2 – 3x – 10 = 0 x का मान हैं जिसके लिए (x – 5)(x + 2) = 0
इसलिए, x – 5 = 0 or x + 2 = 0
=> x = 5 या x = -2
(ii) दिया, 2x2 + x – 6 = 0
LHS
= 2x2 + 4x – 3x – 6
=> 2x (x + 2) – 3 (x + 2)
= (x + 2) (2x – 3)
इस समीकरण की मूल , 2x2 + x – 6 = 0 x का मान हैं
x + 2 = 0 or 2x – 3 = 0
=> x = -2 या x = 3/2
(iii) √2 x2 + 7x + 5√2=0
LHS ,
=>√2 x2 + 5x + 2x + 5√2
=> x (√2x + 5) + √2(√2x + 5)= (√2x + 5)(x + √2)
इस समीकरण की मूल , √2 x2 + 7x + 5√2=0 x का मान हैं
इसलिए,√2x + 5 = 0 or x + √2 = 0
=> x = -5 / √2 या x = -√2