आदर्श गैस समीकरण ( Ideal Gas Equation )

आदर्श गैस समीकरण- [ Ideal Gas Equation ] गैसों के बॉयल का नियम , चार्ल्स का नियम तथा आवोगाद्रो नियमके संयोजन से एक समीकरण प्राप्त होता है , जिसे आदर्श गैस समीकरण कहते हैं ।आदर्श गैस समीकरण से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।

  • आदर्श गैस समीकरण
  • संयुक्त गैस नियम
  • गैसीय पदार्थ का घनत्व एवं मोलर द्रव्यमान

जैसे महत्वपूर्ण टॉपिक से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी है।

आदर्श गैस समीकरण

आदर्श गैस समीकरण ( Ideal Gas Equation ) गैसों के तीनों नियमों ( बॉयल का नियम , चार्ल्स का नियम तथा आवोगाद्रो नियम ) के संयोजन से एक समीकरण प्राप्त होता है , जिसे आदर्श गैस समीकरण कहते हैं ।

यह समीकरण गैसों के मापनीय चार चरों( आयतन , दाब , ताप तथा मोलों की संख्या ) में सम्बन्ध को दर्शाता है ।

बॉयल के नियम से

V ∝ 1/P ( स्थिर T तथा n पर )

चार्ल के नियम से

\mathrm{V} \propto \mathrm{T} (स्थिर P तथा n पर)

आवोगाद्रो के नियम से

\mathrm{V} \propto n (स्थिर P तथा T पर)

अत:

\begin{array}{l}
\mathrm{V} \propto \frac{n \mathrm{~T}}{p} \\
\\
\mathrm{~V}=\mathrm{R} \frac{n \mathrm{~T}}{p}
\end{array} 

या \mathrm{PV}=n \mathrm{RT} (आदर्श गैस समीकरण)
R= समानुपातिक स्थिरांक या गैस स्थिरांक [8.134 JK-1 mol-1 (1 Nm =1 J)
यह समीकरण किसी गैस की अवस्था को दर्शाता है, अत: इसे अवस्था समीकरण भी कहा जाता है

\mathrm{R}=\frac{\mathrm{PV}}{\mathrm{nT}}

R का मान सभी गैसों के लिए समान होता है। अत: इसे सार्वत्रिक गैस नियतांक भी कहते हैं तथा इसका मान P, V तथा T की इकाइयों पर निर्भर करता हैं।

गैस समीकरण से ज्ञात होता है कि स्थिर ताप व दाब पर सभी गैसों के $n$ मोल का आयतन, समान होता है क्योंकि V=\frac{n R T}{P} तथा यहाँ n, RT तथा P स्थिर है।
जब कोई गैस आदर्श व्यवहार दर्शाती है तो यह समीकरण किसी भी गैस पर लागू हो सकता है।

संयुक्त गैस नियम (Combined Gas Law)

आदर्श गैस समीकरण चरों के समक्षणिक (Simultaneous) परिवर्तन के लिए सम्बन्ध होता है। यदि किसी निश्चित मात्रा की गैस का ताप T1, आयतन V1 तथा दाब P1 से T2, V2 तथा P2 तक परिवर्तित होता है, तो

\begin{array}{l} \frac{P_{1} V_{1}}{T_{1}}=n R \text { तथा } \frac{P_{2} V_{2}}{T_{2}}=n R \\ \quad \\\frac{P_{1} V_{1}}{T_{1}}=\frac{P_{2} V_{2}}{T_{2}} \end{array}

इस समीकरण को ही संयुक्त गैस नियम कहते हैं तथा इसमें उपस्थित छ: चरों में से पाँच चरों के मान ज्ञात होने पर अज्ञात चर की गणना की जा सकती है। इस समीकरण का उपयोग किसी गैस के सामान्य परिस्थिति में आयतन को STP पर आयतन में परिवतित करने में किया जाता है।

गैसीय पदार्थ का घनत्व एवं मोलर द्रव्यमान
(Density and Molar Mass of a Gaseous Substance)

गैस समीकरण को पुनर्य्यविस्थित करने पर-

\begin{array}{l} \mathrm{PV}=n \mathrm{RT} \ \frac{\mathrm{n}}{\mathrm{V}}=\frac{\mathrm{p}}{\mathrm{RT}} \end{array}
चूँकि मोल
(n)=\frac{\mathrm{m}}{\mathrm{M}}
अत:
या
\frac{\mathrm{m}}{\mathrm{MV}}=\frac{\mathrm{p}}{\mathrm{RT}}
\frac{\mathrm{d}}{\mathrm{M}}=\frac{\mathrm{p}}{\mathrm{RT}} (यहाँ $d=$ घनत्व)
पुनर्व्यवस्थित करने पर-
\mathrm{M}=\frac{\mathrm{dRT}}{\mathrm{P}}

इस समीकरण की सहायता से गैस के मोलर द्रव्यमान की गणना की जा सकती है।

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