रासायनिक संयोजन के नियम Laws of chemical combination in Hindi

यहाँ  रासायनिक संयोजन के नियम कौन-कौन से हैं [ Laws of chemical combination in Hindi ] से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। द्रव्यमान के संरक्षण का नियम, स्थिर अनुपात का नियम, गुणित अनुपात का नियम , तुल्य अनुपात का नियम या व्युत्क्रम अनुपात का नियम, गैलुसेक का नियम

Q.रासायनिक संयोजन के नियम किसने दिया, कौन-कौन से हैं ?

रासायनिक संयोजन के नियम:

  1. द्रव्यमान के संरक्षण का नियम ( Law of conservation of mass ) 
  2. स्थिर अनुपात का नियम ( Law of constant or definite proportion )
  3. गुणित अनुपात का नियम ( Law of multiple proportion ) 
  4. तुल्य अनुपात का नियम या व्युत्क्रम अनुपात का नियम ( Law of equivalent proportion or law of reciprocal proportion ) 
  5. गैलुसेक का नियम ( Gay – Lussac’s Law )

विभिन्न रासायनिक अभिक्रियाएं कुछ नियमों के अंतर्गत होती हैं । इन्हें रासायनिक संयोग के नियमों के रूप में जाना जाता हैं । ये निम्न प्रकार से हैं।

द्रव्यमान के संरक्षण का नियम ( Law Of Conservation Of Mass )

👉सर्वप्रथम सन् 1756 में इस नियम का प्रतिपादन एक रूसी वैज्ञानिक लोमोनोसोफ द्वारा किया गया , बाद में लैवोजिअर और लैण्डोल्ट द्वारा इसकी पुष्टि की गयी

द्रव्यमान के संरक्षण का नियम के अनुसार रासायनिक अभिक्रिया के द्वारा पदार्थ को न तो बनाया जा सकता है , और न ही नष्ट किया जा सकता है जबकि इसे एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है एक रासायनिक अभिक्रिया के बाद पदार्थ का द्रव्यमान अपरिवर्तित रहता है अर्थात् द्रव्यमान वही रहता है जो अभिक्रिया से पहले था ।

स्थिर अनुपात का नियम ( Law Of Constant Or Definite Proportion )

👉इस नियम का प्रतिपादन सर्वप्रथम जोसेफ लुई प्राउस्ट ने सन् 1799 में किया था ।

स्थिर अनुपात का नियम किसी रासायनिक के अनुसार यौगिक में उसके अवयवी तत्वों का परस्पर भारात्मक अनुपात सदैव स्थिर रहता है ; फिर चाहे वह किसी भी विधि से बनाया गया हो ।

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गुणित अनुपात का नियम ( Law of multiple proportion )

सर्वप्रथम यह नियम जान डॉल्टन द्वारा सन् 1803 में दिया गया और इसकी पुष्टि बर्जीलियस द्वारा की गयी

गुणित अनुपात नियम के अनुसार जब दो तत्व परस्पर संयोग करके दो अथवा दो से अधिक यौगिक बनाते हैं तो एक तत्व की निश्चित मात्रा के साथ संयोग करने वाली दूसरे तत्व की भिन्न – भिन्न मात्रायें परस्पर एक सरल अनुपात में होती हैं ।

तुल्य अनुपात का नियम या व्युत्क्रम अनुपात का नियम ( Law of equivalent proportion or law of reciprocal proportion )

इस नियम को सर्वप्रथम रिचर ( Ritcher ) ने सन् 1972 में प्रतिपादित किया । 

तुल्य अनुपात का नियम या व्युत्क्रम अनुपात नियम के अनुसार किसी एक तत्व की निश्चित मात्रा के साथ संयोग करने वाली दो भिन्न तत्वों की मात्राओं का अनुपात समान होता है , जिनमें ये परस्पर संयोग करते हैं अथवा उनका सरल गुणांक होता है ।

गैलुसेक का नियम ( Gay – Lussac’s Law )

इस नियम का प्रतिपादन सर्वप्रथम एक फ्रान्सीसी वैज्ञानिक गैलुसेक ने सन् 1808 में किया । 

गैलुसेक नियम के अनुसारताप व दाब की समान परिस्थितियों में जब दो या दो से अधिक गैसें क्रिया करती हैं , तो संयोग करने वाली गैसों के आयतनों में एक सरल अनुपात होता है और इन क्रियाओं में यदि उत्पाद भी गैसीय हो तो बनने वाले उत्पाद का आयतन भी क्रियाकारी गैसों के साथ एक सरल अनुपात में होता है । 

👉गैलुसेक का नियम प्रायोगिक प्रेक्षणों पर आधारित था ।

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