सरल आवर्त गति का समीकरण ,सरल आवर्त गति की विशेषताएं इस पोस्ट में सरल आवर्त गति किसे कहते हैं सरल आवर्त गति का समीकरण | सरल आवर्त गति की विशेषताएं से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
सरल आवर्त गति का समीकरण ( Equation of Simple Harmonic Motion)
यदि कोई कण वृत्तीय पथ पर एकसमान वृत्तीय गति करता है तो कण द्वारा किसी व्यास पर डाले गए लम्ब के पाद बिन्दु ( foot point ) की गति वृत्तीय पथ के केन्द्र के परितः सरल आवर्त गति होती है ।
माना कण , a त्रिज्या के वृत्त में ω कोणीय वेग से घूम रहा है तथा समय t में X से P पर पहुँचने से कोणीय विस्थापन θ है , तो
\omega = \frac{\theta}{t}
\theta = \omega {t}
triangle ONP में,
सरल आवर्त गति का विस्थापन समीकरण
\sin \theta=\frac{O N}{O P}=\frac{y}{a}
या
y=a \sin \theta=a \sin \omega t.....(1)
यह सरल आवर्त गति का विस्थापन समीकरण है।
सरल आवर्त गति करते कण का वेग
समी (1) का समय t के सापेक्ष अवकलन करने पर,
\frac{d y}{d t}=a \omega \cos \omega t......(2)
या
v=a \omega \sqrt{1-\sin ^{2} \omega t}=a \omega \sqrt{1-\frac{y^{2}}{a^{2}}}
v=\omega \sqrt{\left(a^{2}-y^{2}\right)}
यह सरल आवर्त गति करते कण का वेग है।
सरल आवर्त गति करते कण का त्वरण
समी (2) का पुन: समय t के सापेक्ष अवकलन करने पर,
\frac{d^{2} y}{d t^{2}} =-a \omega^{2} \sin \omega t
या त्वरण A=−ω2y
यह सरल आवर्त गति करते कण का त्वरण है।
सरल आवर्त गति की विशेषताएं
👉 y= a sinωt उस कण की सरल आवर्त गति का समीकरण है जो साम्यावस्था से अपनी गति प्रारम्भ करता है।
👉 y=acosωt उस कण की सरल आवर्त गति का समीकरण है जो अधिकतम विस्थापन अर्थात् आयाम की स्थिति से अपनी गति प्रारम्भ करता है।
👉y=a sin(ωt±ϕ) उस कण की सरल आवर्त गति का समीकरण है जो अधिकतम विस्थापन अर्थात् आयाम की स्थिति से ϕ कोण कला में आगे अथवा पीछे है।
👉 माध्य स्थिति में y=0, अतः कण का वेग अधिकतम तथा त्वरण न्यूनतम होता है
v_{\max }=\text { aw. } A_{min}=0
👉अधिकतम विस्थापन की स्थिति में y=±a , अतः कण का वेग न्यूनतम तथा त्वरण अधिकतम होता है
vmin=0 तथा Amax =aω2
👉सरल आवर्त गति में वेग विस्थापन से कला में π/2 आगे है ।
👉सरल आवर्त गति में त्वरण वेग से कला में π/2 आगे है ।
👉सरल आवर्त गति में त्वरण विस्थापन से कला में πआगे है ।
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