डाल्टन का आंशिक दाब का नियम – इसके अनुसार , जब दो या अधिक गैसें जो कि आपस में क्रिया नहीं करती को एक बन्द पात्र में रखते हैं , तो मिश्रण द्वारा उत्पन्न कुल दाब उनके स्वयं के पृथक – पृथक आंशिक दाबों के योग के बराबर होता है ।
- डाल्टन का आंशिक दाब का नियम
- मोल अंश के रूप में आंशिक दाब
- डाल्टन का आंशिक दाब नियम की सीमायें
से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
डाल्टन का आंशिक दाब का नियम
( Dalton’s Law of Partial Pressure )
डाल्टन के अनुसार दो या दो से अधिक अक्रियाशील गैसों के मिश्रण को एक बन्द पात्र में लेने पर मिश्रण का कुल दाब प्रत्येक गैस के आंशिक दाब के योग के बराबर होता है ।
गणितीय रूप में P कुल = P1 + P2 + P3 ( स्थिर ताप व आयतन पर )
P1 , P2 तथा P3 भिन्न – भिन्न गैसों के आंशिक दाब हैं ।
आंशिक दाब – किसी गैस का आंशिक दाब , उस गैस द्वारा उत्पन्न वह दाब है जब उस गैस को समान ताप पर , समान आयतन वाले पात्र में रखा जाता है ।
किसी गैस का आंशिक दाब निम्न सूत्र से ज्ञात किया जाता है
किसी \space गैस \space का \spaceआंशिक \space दाब = \frac{गैस \space के \spaceमोलों\space की\space संख्या}{ मिश्रण \spaceका \spaceकुल\space आयतन }\times RT
गैसों को सामान्यतः जल के ऊपर एकत्रित किया जाता है अतः नम होती हैं ।
नमीयुक्त गैस का वाष्प दाब अधिक होता है क्योंकि इसमें जल वाष्प भी होती है । अतः इसमें से जल का वाष्प दाब ( जलीय तनाव ) घटाने पर शुष्क गैस का वाष्प दाब प्राप्त होता है ।
Pशुष्क गैस = Pनमीयुक्त गैस – जल का वाष्प दाब
मोल अंश के रूप में आंशिक दाब
( Partial Pressure in term of Mole Fraction )
माना ताप T पर V आयतन वाले पात्र में तीन गैसें उपस्थित हैं , जिनका आंशिक दाब क्रमश : P1 , P2 तथा P3 है , तो
P_1=\frac{n_1RT}{V}
P_2=\frac{n_2RT}{V}
P_3=\frac{n_3RT}{V}
यहाँ n1, n2 तथा n3 गैसों के मोलों की संख्या हैं
P_{\text {कुल }}=P_{1}+P_{2}+P_{3} \\
P_{\text {कुल }}=n_{1} \frac{\mathrm{RT}}{V}+n_{2} \frac{\mathrm{R} T}{V}+n_{3} \frac{\mathrm{RT}}{\mathrm{V}} \\
P_{\text {कुल }}=\left(n_{1}+n_{2}+n_{3}\right) \frac{\mathrm{RT}}{\mathrm{V}}
P1 में Pकुल का भाग देने पर
\frac{P_{1}}{P_{\text {कुल }}}=\left(\frac{n_{1}}{n_{1}+n_{2}+n_{3}}\right) \frac{\mathrm{RTV}}{\mathrm{RTV}} \\
\frac{P_{1}}{P_{\text {कुल }}}=\frac{n_{1}}{n_{1}+n_{2}+n_{3}}=\frac{n_{1}}{n}=x_{1} \\
\frac{P_{1}}{P_{\text {कुल }}}=x_{1} \\
n=n1+n2+n3
x1= प्रथम गैस का मोल अंश
P1=x1 Pकुल
इसी प्रकार P2=x2 Pकुल
P3=x3 Pकुल
अत: किसी गैस के आंशिक दाब का सामान्य समीकरण निम्न प्रकार होगा-
किसी गैस का आंशिक दाब = गैस की मोल भिन्न x कुल दाब
\mathrm{P}{i}=x_{i} \mathrm{P}_{\text {कुल }}
यहाँ Pi तथा xi गैस के क्रमशः आंशिक दाब तथा मोल अंश हैं।
अतः
किसी \spaceगैस\space का \spaceआंशिक \spaceदाब = \frac{गैस\space के \spaceमोलों \spaceकी \spaceसंख्या}{मिश्रण\space में\space उपस्थित\space सभी\space गैसों \spaceके\space कुल \spaceमोलो \spaceकी \spaceसंख्या } \times कुल\spaceदाब
यदि गैसों के मिश्रण का कुल दाब ज्ञात हो तो प्रत्येक गैस द्वारा उत्पन्न आंशिक दाब को उपरोक्त समीकरण द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।
डाल्टन का आंशिक दाब नियम की सीमायें
यह नियम केवल तभी लागू होता है जब गैसीय अवयव एक दूसरे के साथ क्रिया नहीं करते ।
उदाहरण के लिये , N2 और O2 , CO और CO2 , N2 और Cl2 , CO और N2 आदि । किन्तु यह नियम उन गैसों के लिए लागू नहीं होता है , जो कि रासायनिक रूप से संयोग करती हैं । जैसें H2 और Cl2 , CO और Cl2 , NH3 , HBr तथा HCl , NO तथा O2 आदि ।
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