स्थिर – वैद्युत स्थितिज ऊर्जा [ Electro – static Potential Energy ]

स्थिर – वैद्युत स्थितिज ऊर्जा [ Electro – static Potential Energy ] 

इस पोस्ट स्थिर – वैद्युत स्थितिज ऊर्जा में निम्नलिखित टॉपिक शामिल हैं।
स्थिर – वैद्युत स्थितिज ऊर्जा परिभाषा ,सूत्र

एक समान रूप से आवेशित गोले की स्थिर – वैद्युत स्थितिज ऊर्जा

n आवेशों के निकाय की स्थितिज ऊर्जा

स्थिर – वैद्युत स्थितिज ऊर्जा

स्थिर – वैद्युत स्थितिज ऊर्जा किसे कहते है ? परिभाषा ,सूत्र 

दो अथवा अधिक आवेशों को एक – दूसरे से दूर ले जाने अथवा समीप लाने में कुछ कार्य करना पड़ता है । यह कार्य उन आवेशों के निकाय में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है जिसे स्थिर निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा कहते हैं । 

👉स्थिर – वैद्युत स्थितिज ऊर्जा का मात्रक ‘ जूल ‘ है ।

👉यदि दोनों आवेश सजातीय हैं तो ये एक – दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं ।तब इन्हें एक दूसरे के समीप लाने में प्रतिकर्षण के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है । 

👉जिससे निकाय की स्थितिज ऊर्जा बढ़ती है । यदि इन्हें एक – दूसरे से दूर लेकर जाते हैं तो स्वयं निकाय से कार्य प्राप्त होता है ।जिससे निकाय की स्थितिज ऊर्जा घटती है । 

👉यदि आवेश विपरीत प्रकार के ( विजातीय ) हैं तो एक – दूसरे को आकर्षित करते हैं । अत : इस दशा में उन्हें परस्पर समीप लाने में निकाय स्वयं कार्य करता है । अत : स्थितिज ऊर्जा घटती है । 

👉यदि इन्हें एक – दूसरे से दूर ले जायें तो निकाय पर कार्य करना पड़ता है । अत : निकाय की स्थितिज ऊर्जा बढ़ती है ।

अत : आवेशों के किसी निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा उन आवेशों को अनन्त से परस्पर समीप लाकर निकाय की रचना करने में किए गए कार्य के बराबर होती है ।

 q1  आवेश को   अनन्त से q2 आवेश के वैद्युत क्षेत्र में बिन्दु P तक लाने में किया गया कार्य ,यह ही निकाय की स्थितिज ऊर्जा है ।

W = q_1 (V_p - V_∞ )
= q_1 V_p
= \frac{q_1 q_2}{4πε_0r}
U = \frac{1}{4πε_0}. \frac{q_1 q_2}{r}

जैसे –

एकसमान रूप से आवेशित गोले की स्थिर- वैद्युत स्थितिज ऊर्जा 

( Electro – static Potential Energy of a Uniformely Charged Sphere ) 

किसी आवेशित गोले की स्थितिज ऊर्जा उस कार्य के बराबर होगी जो आवेश Q को अनन्त से गोले पर व्यवस्थित करने में करना पड़ता है । यदि R त्रिज्या के गोले पर q आवेश एकसमान रूप से वितरित हो तब गोले की स्थिर  वैद्युत स्थितिज ऊर्जा , 

U = \frac{3q^2}{20\pi\epsilon_0R}

तीन आवेशों से मिलकर बने निकाय की स्थिर – वैद्युत स्थितिज ऊर्जा ( Electro – static Potential Energy of System of Three Charges ) 

Q.तीन आवेशों q1, q2 व q3 से मिलकर बने निकाय की स्थिर-वैद्युत स्थितिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए

तीन आवेशों से मिलकर बने निकाय की स्थिर - वैद्युत ( Electro - static Potential Energy of System of Three Charges )
U =U_{1}+U_{2}+U_{3} 
=\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}} \cdot \frac{q_{1} q_{2}}{r_{12}}+\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}} \frac{q_{2} q_{3}}{r_{23}}+\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}} \cdot \frac{q_{3} q_{1}}{r_{31}}
=\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}}\left[\frac{q_{1} q_{2}}{r_{12}}+\frac{q_{2} q_{3}}{r_{23}}+\frac{q_{3} q_{1}}{r_{31}}\right] 

n आवेशों के निकाय की स्थितिज ऊर्जा

U=\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}} \frac{1}{2} \sum_{i=1, i \neq j}^{n} \frac{q_{1} q_{j}}{r_{i j}}
\quad i=1,2,3, \ldots, n
j=2,3,4 \ldots,(n-1)

  `1/2` योग चिन्ह के साथ लेते है क्योकि इसे प्रसारित करने पर प्रत्येक जोड़ा  दो बार गिना जाता है।

Q. इस चार आवेशों से मिलकर बनी निकाय की  स्थिर – वैद्युत स्थितिज ऊर्जा  ज्ञात कीजिये

चार आवेशों से मिलकर बनी निकाय की  स्थिर - वैद्युत स्थितिज ऊर्जा  ज्ञात कीजिये

हल. निकाय की स्थितिज ऊर्जा

U=U_{A B}+U_{B C}+U_{C D}+U_{D A}+U_{A C}+U_{B D}
=\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}}\left[\frac{q \times(-q)}{A B}+\frac{(-q) \times q}{B C}+\frac{q \times(-q)}{C D}\right.\left.+\frac{(-q) \times q}{D A}+\frac{q \times q}{A C}+\frac{(-q) \times(-q)}{B D}\right]
=\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}}\left[-\frac{q^{2}}{a}-\frac{q^{2}}{a}-\frac{q^{2}}{a}-\frac{q^{2}}{a}+\frac{q^{2}}{a \sqrt{2}}+\frac{q^{2}}{a \sqrt{2}}\right] 
= \frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}} \frac{q^{2}}{a}\left[-4+\frac{2}{\sqrt{2}}\right] 
= \frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}} \frac{q^{2}}{a}[-4+\sqrt{2}]

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