साम्य वह अवस्था (state) है, जिस पर अभिकारकों (reactants) और उत्पादों (products) की सांद्रता समय के साथ परिवर्तित नहीं होती है, अर्थात् अभिकारकों और उत्पादों की सांद्रता स्थिर (constant) हो जाती है। आइए विस्तार से समझते हैं-
साम्य अवस्था किसे कहते हैं ? साम्यावस्था की परिभाषा
जब स्थिर ताप पर एक बन्द पात्र में अभिकारक क्रिया करके उत्पाद बनाते हैं तो अभिकारकों की सान्द्रता धीरे-धीरे कम होती जाती है। तथा उत्पादों की सान्द्रता बढ़ती रहती है। परन्तु कुछ समय पश्चात् अभिकारकों और उत्पादों की सान्द्रता में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
इस स्थिति में निकाय में गतिक साम्य (Dynamic Equilibrium) स्थापित हो जाता है तथा अग्र एवं पश्च अभिक्रियाओं की दरें समान हो जाती हैं। इसी कारण इस अवस्था में अभिक्रिया मिश्रण में उपस्थित विभिन्न घटकों की सान्द्रता स्थिर हो जाती है। अभिकारकों एवं उत्पादों की साम्य अवस्था पर इस मिश्रण को साम्य मिश्रण (Equilibrium mixture) कहते हैं तथा इस अवस्था को साम्यावस्था कहते हैं।
साम्यावस्था [equilibrium state] की मुख्य विशेषताएँ
- कुछ मापनीय गुणों जैसे दाब घनत्व, रंग, सांद्रता आदि को स्थिर रखकर साम्यावस्था को ज्ञात किया जा सकता है।
- साम्यावस्था केवल बंद पात्र में ही प्राप्त कर सकते हैं।
- साम्यावस्था उत्क्रमणीय प्रकृति की होती है ।
- साम्यावस्था गतिक प्रकृति की भी होती है।
- साम्यावस्था पर अग्र अभिक्रिया की दर = प्रतीप अभिक्रिया की दर
- साम्यावस्था पर △G = 0, इसलिए △H = T△S.
साम्यावस्था के प्रकार (Types):
किसी तंत्र में साम्य निम्न प्रकार के साम्यों की उपस्थिति को प्रदर्शित करता है:-
(i) तापीय साम्य (Thermal equilibrium): इसमें ऊष्मा का एक भाग से दूसरे भाग में प्रवाह नहीं होता है, अर्थात् T स्थिर होता है।
(ii) यांत्रिक साम्य (Mechanical equilibrium) : इसमें द्रव्य का एक भाग से दूसरे भाग में प्रवाह नहीं होता है, अर्थात् P स्थिर होता है।
(iii) भौतिक साम्य (Physical equilibrium): इसमें पदार्थ तीन अवस्थाओं ठोस, द्रव तथा गैस में उपस्थित होता है।
(iv) रासायनिक साम्य (Chemical equilibrium): इसमें समय के साथ तंत्र के किसी भी भाग में संघटन परिवर्तित नहीं होता है।