वर्ग 2 के तत्त्व : क्षारीय मृदा धातुएँ ( Group 2 Elements : Alkaline Earth Metals ) आवर्त सारणी के वर्ग 2 में Be , Mg , Ca , Sr तथा Ra तत्त्व उपस्थित होते हैं ।
इनमें से बेरीलियम के अतिरिक्त अन्य तत्त्वों को क्षारीय मृदा धातु कहा जाता है । इस वर्ग के प्रथम तत्त्व बेरिलियम के गुण अन्य तत्त्वों से भिन्न होते हैं तथा यह ऐलुमिनियम के साथ विकर्ण सम्बन्ध दर्शाता है ।
- प्राप्ति – मृदा की भीतरी परत तथा खनिज लवण युक्त चट्टानें इनके प्रमुख स्रोत हैं ।
- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास – इनका बाह्यतम सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2 होता है ।
- ऑक्सीकरण अवस्था— क्षारीय मृदा धातुएँ +2 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाती हैं क्योंकि इनके बाह्यतम कोश में दो इलेक्ट्रॉन पाये जाते
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ( Electronic Configuration )
वर्ग 2 के तत्त्वों का बाह्यतम सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2 होता है । यहाँ n = 2 से 7 अर्थात् क्षारीय मृदा धातुओं के बाह्यतम कोश ( संयोजी कोश ) में दो इलेक्ट्रॉन होते हैं तथा इसके पूर्व के कोश में उत्कृष्ट गैस के समान विन्यास पाया जाता है ।
परमाणु तथा आयनिक त्रिज्या ( Atomic and ionic Radius)
क्षार धातुओं की तुलना में क्षारीय मृदा धातुओं की परमाणु तथा आयनिक त्रिज्या कम होती है क्योंकि आवर्त सारणी में किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर नाभिकीय आवेश में वृद्धि से नाभिकीय आकर्षण बल बढ़ जाता है जिससे त्रिज्या कम हो जाती है ।
प्रथम वर्ग के समान इनमें भी वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु तथा आयनिक त्रिज्या बढ़ती है । लेकिन आयनिक त्रिज्या का मान परमाणु त्रिज्या से काफी कम होता है , क्योंकि धनायन ( M2+) बनते समय बाह्यतम कोश ही समाप्त हो जाता है ।
आयनन एन्थैल्पी ( Ionization Enthalpy )
क्षारीय मृदा धातुओं के बड़े परमाणु आकार के कारण इनकी आयनन एन्थैल्पी के मान कम होते हैं । वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु आकार बढ़ता है , अतः इनकी आयनन एन्थैल्पी कम होती जाती है ।
क्षारीय मृदा धातुओं की प्रथम आयनन एन्थैल्पी क्षार धातुओं की प्रथम आयनन एन्थैल्पी की तुलना में अधिक होती है । यह इनके क्षार धातुओं की तुलना में छोटे आकार के कारण होती है , लेकिन इनके द्वितीय आयनन एन्थैल्पी के मान क्षार धातुओं के द्वितीय आयनन एन्थैल्पी के मानों की तुलना में कम होते हैं क्योंकि दो इलेक्ट्रॉन निकलने से इनमें उत्कृष्ट गैसों के समान स्थायी विन्यास प्राप्त हो जाता है ।
जलयोजन एन्थैल्पी ( Hydration Enthalpy )
क्षार धातुओं के समान , क्षारीय मृदा धातुओं में भी वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर आयनिक त्रिज्या बढ़ने पर जलयोजन एन्थैल्पी का मान कम होता जाता है ।
Be2+ > Mg2+ > Ca2+ > Sr2+ > Ba2+
क्षारीय मृदा धातु आयनों की जलयोजन एन्थैल्पी , क्षार धातु आयनों की जलयोजन एन्थैल्पी की तुलना में अधिक होती है क्योंकि इन आयनों का आकार छोटा तथा आवेश अधिक होता है ।
क्षारीय मृदा धातुओं के यौगिक , क्षार धातुओं के यौगिकों की तुलना में अधिक जलयोजित होते हैं । इसी कारण NaCl तथा KCl हाइड्रेट नहीं बनाते जबकि MgCl2 तथा CaCl2 हेक्सा हाइड्रेट ( MgCl2.6H2O , CaCl2.6H2O ) के रूप में एवं BaCl2 , BaCl2.2H2O के रूप में पाया जाता है ।
क्षारीय मृदा धातुएँ के भौतिक गुण ( Physical Properties )
- क्षारीय मृदा धातुएँ सामान्यतः चाँदी के समान श्वेत तथा चमकदार होती हैं । लेकिन बेरीलियम तथा मैग्नीशियम लगभग धूसर रंग ( Greyish ) की होती हैं ।
- (इनमें धात्विक चमक होती है तथा ये आघातवर्धनीय एवं तन्य होती हैं ।
- क्षार धातुओं के समान ये भी विद्युत तथा ऊष्मा की अच्छी चालक होती हैं ।
- क्वथनांक तथा गलनांक- ये वर्ग संख्या 1 के तत्वों की तुलना में उच्च क्वथनांक तथा गलनांक रखते हैं ।
- घनत्व — इनका घनत्व सामान्यतः Be से Ra तक बढ़ता परन्तु Mg तथा Ca हल्के तत्व हैं । Be > Mg > Ca < Sr < Ba
- रेडियोधर्मिता — वर्ग का अंतिम तत्व रेडियम ( 88Ra ) , रेडियोधर्मी होता है ।
- ज्वाला को रंग — Be तथा Mg ज्वाला को रंग प्रदान नहीं करते हैं लेकिन शेष सदस्य ( Ca , Sr , Ba ) ज्वाला को विशिष्ट रंग प्रदान करते हैं । Ca ईंट जैसा लाल , Ba सेब जैसा हरा तथा Sr रक्त जैसा लाल रंग देती हैं ।
- आयनन एन्थैल्पी – इनकी आयनन एन्थैल्पी वर्ग 1 के तत्वों की तुलना में उच्च होती है क्योंकि इनका नाभिकीय आवेश अधिक होता है । लेकिन इनकी द्वितीय आयनन एन्थैल्पी क्षार धातुओं की अपेक्षा कम होती है ।
- परमाण्विक त्रिज्या – वर्ग में परमाणु त्रिज्या बढ़ती है परन्तु वर्ग 1 के तत्वों की तुलना में यह कम होती है ।
- आयनिक त्रिज्या — वर्ग में आयनिक त्रिज्या बढ़ती है परन्तु यह वर्ग 1 के तत्वों की तुलना में कम होती है ।
- धात्विक बंध – क्षारीय मृदा धातुओं में धात्विक बन्ध दुर्बल होता है अतः इन्हें तोड़ा तथा मरोड़ा जा सकता है ।
क्षारीय मृदा धातुएँ के रासायनिक गुण
वर्ग संख्या 1 के तत्वों के समान रासायनिक गुण दिखाते हैं ; परन्तु ये उनसे कम क्रियाशील होते हैं ।
- वायु से क्रिया — ये वायु में क्रिया करके ऑक्साइड बनाते हैं ,
जैसे 2Ca + O2 → 2CaO - जल से क्रिया — ये जल से मन्द गति से क्रिया करते हैं तथा हाइड्रॉक्साइड बनाते हैं ।
जैसे Ca + H2O → Ca(OH)2 + H2 लेकिन वर्ग में इनकी क्रियाशीलता कम होती है । - नाइट्रोजन से क्रिया – ये तत्व नाइट्रोजन से क्रिया करके नाइट्राइड बनाते हैं ।
3Be + N2 → Be3N2
3Ca + N2 Ca3N2 - हाइड्रोजन से क्रिया – वर्ग 2 के तत्व हाइड्रोजन से क्रिया करके MH2 प्रकार के हाइड्राइड्स बनाते हैं लेकिन BeH2 अप्रत्यक्ष विधि से बनाया जाता है ।
2BeCl2 + LiAIH4 → 2BeH2 + AlCl3 + LiCl - हैलोजनों से क्रिया – यह क्रिया उच्च ताप पर होती है तथा हैलाइड बनते हैं ।
M + X2 → MX2 - अम्लों से क्रिया – क्षारीय मृदा धातु , अम्लों से क्रिया करके H2 गैस देते हैं ।
M + 2HCl → MCl2 + H2 - अपचायक गुण – क्षार धातुओं में कम होता है । परन्तु ये प्रबल अपचायक होती हैं ।
- द्रव NH , में विलेयता – गहरा नीले रंग का विलयन प्राप्त होता है ।
M + (x + y) ( NH3 ) (l) → > [ M(NH3)x ]2+ + 2e (NH3)y–