Kirchhoff’s circuit laws in hindi किरचॉफ के परिपथ के नियम इस पोस्ट में, हमने Kirchhoff’s circuit laws in Hindi | किरचॉफ के परिपथ के नियम से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बातों को शामिल किया है। जैसे किरचॉफ के कितने नियम हैं?
किरचॉफ का पहला नियम – किरचॉफ का धारा(current) का नियम (Kirchhoff’s current law-KCL)
द्वितीय – किरचॉफ का विभवान्तर(voltage) का नियम (Kirchhoff’s voltage law-KVL)
- प्रथम – किरचॉफ का धारा का नियम (Kirchhoff’s current law-KCL)
- द्वितीय – किरचॉफ का विभवान्तर का नियम (Kirchhoff’s voltage law-KVL)
Q.किरचॉफ के कितने नियम हैं?
Ans: दो (2)
दोनों नियम एक नोड में विद्युत प्रवाह और एक लूप के चारों ओर वोल्टेज का वर्णन करते हैं। ये दोनों किरचॉफ के नियम किसी भी सर्किट को हल करने के लिए बहुत उपयोगी है।
किरचॉफ के परिपथ के नियम का पहला नियम – किरचॉफ का धारा(current) का नियम
(Kirchhoff’s current law-KCL)
प्रथम नियम किरचॉफ का धारा का नियम (Kirchhoff’s current law-KCL) – किसी विद्युत परिपथ में किसी भी बिंदु या जंक्शन पर पाए जाने वाले धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
या
विद्युत परिपथों में, बिंदु या जंक्शन पर आने वाली धाराओं का योग वहाँ से जाने वाली धाराओं के योग के बराबर होता है।
I3 + I4 + I6 = I1 +I2 + I5
इस नियम को किरचॉफ का धारा का नियम (किरचॉफ करंट लॉ (KCL)) कहते हैं। यह नियम आवेश के सरंक्षण पर आधारित है।
Question दिए गए परिपथ में i3 का मान ज्ञात करे –
SOL.
दिए गए नोड पर किरचॉफ का धारा(current) का नियम को लागू करें।
i1 + i2 = i3 + i4 ज्ञात मान को प्रतिस्थापित करें
2 + 9 = i3 + 4 i3 के लिए हल करें
i3 = 7 A
किरचॉफ के परिपथ के नियम का द्वितीय नियम– किरचॉफ का विभवान्तर(voltage) का नियम
(Kirchhoff’s voltage law-KVL)
इस नियम के अनुसार किसी विद्युतीय नेटवर्क के किसी बंद परिपथ में सभी स्रोतों के विभवों का बीजगणितीय योग और सभी प्रतिरोधको में होने वाली वोल्टेज ड्रॉप का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
या
लूप के भीतर सभी वोल्टेज का बीजगणितीय योग शून्य के बराबर होना चाहिए। किरचॉफ के विचार को ऊर्जा के संरक्षण के रूप में जाना जाता है।
इस नियम को मेश लॉ, किरचॉफ के वोल्ट लॉ, यानी KVL के रूप में भी जाना जाता है।
Q.किरचॉफ के नियम का सूत्र क्या है?
Ans: ΣV = 0
इस नियम का उपयोग करने के लिए निम्न बिन्दुओ का ध्यान रखना होता है :-
- किसी प्रतिरोध पर धारा की दिशा में चलते हुए , प्रतिरोध का विभव परिवर्तन ऋणात्मक (-iR) होता है , चित्र (a)
- किसी प्रतिरोध पर धारा की विपरीत दिशा में चलते हुए , प्रतिरोध पर विभव परिवर्तन धनात्मक (+iR ) होता है , चित्र (b)
- किसी बैटरी अथवा emf स्रोत पर इसके ऋणात्मक सिरे से धनात्मक सिरे की ओर चलने पर , विभव में परिवर्तन धनात्मक (+E ) होता है । चित्र (c)
- किसी बैटरी अथवा emf स्रोत पर इसके धनात्मक सिरे से ऋणात्मक सिरे की ओर चलने पर विभव में परिवर्तन ऋणात्मक (- E) होता है , चित्र (d)
Question: दिए गए परिपथ में धारा का मान ज्ञात करे
-10i + 5 – 20i – 2 = 0
i=0.1A
This is not a good concept because simple language is not used in it.
ok we will work again in this post
is correct answer v2=v1-v2=5-2=3 ,i=v/r=3/30=1/10=0.1A
Best way of learning this type