वैद्युत आवेश [Electric Charge in Hindi] की परिभाषा क्या है ? SI मात्रक, प्रकार, क्वांटीकरण,संरक्षण का सिद्धांत
इस पोस्ट में, हमने वैद्युत आवेश ( Electric Charge ) से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बातों को शामिल किया है। जैसे – आवेश की परिभाषा क्या है ? विद्युत आवेश कितने प्रकार के होते हैं विद्युत आवेश कौन सी राशि है
विद्युत आवेश का SI मात्रक क्या है आवेश का क्वांटीकरण क्या है विद्युत आवेश का सूत्र आवेश संरक्षण का सिद्धांत क्या है इन टॉपिक की सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है।
- वैद्युत आवेश ( Electric Charge ) की परिभाषा क्या है?
- वैद्युत आवेश के प्रकार ( Types of Electric Charge )
- वैद्युत आवेशों के गुण ( Properties of Electric Charges )
- वैद्युत आवेश के मात्रक ( Units of Electric Charge )
- आवेशन की विधियाँ ( Methods of Charging )
वैद्युत आवेश ( Electric Charge ) की परिभाषा क्या है?
परिभाषा – वैद्युत आवेश पदार्थ का वह गुण है जिस कारण वह वैद्युत एवं चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न करता है या इनका अनुभव करता है ।
Q.विद्युत आवेश कौन सी राशि है ?
Ans -विद्युत आवेश एक अदिश भौतिक राशि है।
वैद्युत आवेश के प्रकार ( Types of Electric Charge )
Q.विद्युत आवेश कितने प्रकार के होते हैं ?
वैद्युत आवेश दो प्रकार का होता है
धन आवेश ( Positive Charge )
किसी वस्तु पर धन आवेश , उसकी सामान्य अवस्था से इलेक्ट्रॉनों की कमी को प्रदर्शित करता है ।
- ऋण आवेश ( Negative Charge )
किसी वस्तु पर ऋण आवेश , उसकी सामान्य अवस्था से इलेक्ट्रॉनों की अधिकता को प्रदर्शित करता है ।
वैद्युत आवेशों के गुण ( Properties of Electric Charges )
👉विद्युत् आवेशों में सजातीय आवेशों के बीच प्रतिकर्षण बल तथा विजातीय आवेशों के बीच आकर्षण बल कार्य करता है । यह आवेश का एक महत्वपूर्ण गुण है।
Q.आवेश का क्वांटीकरण क्या है ?
👉आवेशों का क्वान्टीकरण ( Quantization of Charges ) किसी आवेशित वस्तु पर आवेश एक न्यूनतम आवेश ( e ) के सरल गुणक के रूप में ही हो सकता है अर्थात् वैद्युत आवेश को अनिश्चित रूप से विभाजित नहीं किया जा सकता है । अतः किसी वस्तु पर आवेश Q =± ne न जहाँ , n = 12,3 , …..
Q.आवेश संरक्षण का सिद्धांत क्या है ?
👉 आवेशों का संरक्षण ( Conservation of Charges ) – इस सिद्धांत अनुसार आवेश न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही उत्पन्न किया जा सकता केवल एक वस्तु से दूसरी वस्तु पर स्थानान्तरण सम्भव है,इसे ही आवेश सरंक्षण का सिद्धांत कहते है ।
👉किसी वस्तु पर कुल आवेश उसे दिए गए अलग – अलग आवेशों के बीजगणितीय योग के बराबर होता है ।
👉 आवेश सदैव द्रव्यमान सम्बद्ध रहता है अर्थात् आवेश द्रव्यमान रहित नहीं हो सकता है जबकि द्रव्यमान आवेश रहित हो सकता है ।
👉 स्थिर अवस्था में आवेश केवल वैद्युत क्षेत्र एवं एकसमान गति की अवस्था में वैद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र दोनों तथा त्वरित गति की अवस्था में वैद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र के साथ वैद्युत चुम्बकीय विकिरण उत्पन्न करता है ।
वैद्युत आवेश के मात्रक ( Units of Electric Charge )
विद्युत आवेश का SI मात्रक क्या है ?
आवेश का SI मात्रक ‘ ऐम्पियर सेकण्ड ‘ या ‘ कूलॉम ‘ है । इसके अन्य छोटे मात्रक मिलीकूलॉम ( mC ) या माइक्रोकूलॉम ( μC ) हैं । आवेश का ( CGS ) मात्रक स्टैट कूलॉम ( stat coulomb ) या स्थिर वैद्युत मात्रक है । आवेश का वैद्युत चुम्बकीय मात्रक ऐब कूलॉम है ।
1 कूलॉम 3 ×109 स्टैट कूलॉम ऐब =1/10`कूलॉम
आवेशन की विधियाँ ( Methods of Charging )
किसी वस्तु को निम्न विधियों द्वारा आवेशित किया जा सकता है
( a ) घर्षण द्वारा ( By Friction )
जब दो वस्तुओं को आपस में रगड़ते हैं तो उनके मध्य इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण के कारण , ये वस्तुएँ आवेशित हो जाती हैं । दोनों वस्तुओं पर बराबर तथा विपरीत प्रकार के आवेश उत्पन्न होते हैं ।
उदाहरण ( i ) जब एक काँच की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ा जाता है , तो काँच की छड़ धनावेशित एवं रेशम का कपड़ा ऋणावेशित हो जाता है ।
( ii ) ऐबोनाइट (ebonite rod) की छड़ को ऊन से रगड़ने पर ऐबोनाइट की छड़ ऋणावेशित तथा ऊन धनावेशित हो जाती है ।
( b ) स्थिर वैद्युत प्रेरण द्वारा ( By Electro Static Induction )
यदि एक आवेशित वस्तु को किसी अनावेशित वस्तु के समीप लाएँ तो अनावेशित वस्तु की पास वाली सतह पर विपरीत प्रकृति का आवेश एवं दूर वाली सतह पर समान प्रकृति का आवेश उत्पन्न हो जाता है ।
इस घटना को स्थिर वैद्युत प्रेरण कहा जाता है । प्रेरण विधि द्वारा वस्तु पर प्रेरित आवेश की अधिकतम मात्रा Q=Q[1-1/K] हो सकती है । जहाँ Q , प्रेरक वस्तु पर आवेश तथा K , अनावेशित वस्तु का परावैद्युतांक है ।
( c ) चालन द्वारा ( By Conduction )
किसी आवेशित चालक को किसी अनावेशित चालक के सम्पर्क में लाने पर , दोनों चालकों पर समान प्रकृति का आवेश फैल जाता है । इसे सम्पर्क द्वारा आवेशन कहा जाता है ।
This is very good
Thanks
Class12thphysicekapdf
jee sir
Are you right
Bilkul sahi a
Thank you 🙏🙏🙏
जितना studynagar.com वाले नही समझा सकते डिटेल में उससे भी कही ज्यादा आपने समझा दिया है सर, धन्यवाद।