कार्य – ऊर्जा प्रमेय [ Work – Energy Theorem proof in Hindi ]

कार्य – ऊर्जा प्रमेय ( Work-Energy Theorem  in Hindi )

स्वागत है 🙏आपका , इस पोस्ट में कार्य – ऊर्जा प्रमेय [ Work – Energy Theorem proof in Hindi ] से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। 

कार्य – ऊर्जा प्रमेय [ Work – Energy Theorem  ] किसे कहते हैं ? 

कार्य - ऊर्जा प्रमेय [ Work - Energy Theorem proof in Hindi ]

कार्य – ऊर्जा प्रमेय ( Work – Energy Theorem )  का कथन

कार्य ऊर्जा प्रमेय किसे कहते है ? 

इस प्रमेय के अनुसार , “ जब किसी वस्तु पर कई बल इस प्रकार लगे हों कि उनका परिणामी बल शून्य न हो तब परिणामी बल ( चाहे अचर हो या चर ) द्वारा किया गया कार्य व वस्तु की गतिज ऊर्जा में परिवर्तन के बराबर होता है ।

W =\triangle K= K_f-K_i 

कुल W धनात्मक है , तब

 K_f - K_i  =  + ve 

अर्थात् Kf > Ki , अथवा गतिज ऊर्जा बढ़ेगी या इसके विपरीता यह प्रमेय अजड़त्वीय तन्त्रों के लिये भी लागू हो सकती है ।

अजड़त्वीय तन्त्र में 

सभी बलों ( कल्पित बल को शामिल करते हुए) द्वारा किया गया कार्य = अजड़त्वीय तन्त्र में गतिज ऊर्जा में परिवर्तन

कार्य ऊर्जा प्रमेय का सूत्र तथा सिद्ध कैसे करे

कार्य ऊर्जा प्रमेय लिखिए तथा इसे सिद्ध कीजिए

कण पर आरोपित सभी बलो द्वारा किए गए कायों का योग इसकी गतिज ऊर्जा में परिवर्तन के बराबर होता है यदि कण की प्रारम्भिक एवं अन्तिम गतिज ऊर्जाएँ क्रमशः Ki तथा Kf हों तथा कण पर आरोपित सभी बलों द्वारा किए गए कार्यों का योग W हो तो

 W=K_{f}-K_{i}

गतिज ऊर्जा की परिभाषा से,

K =\frac{1}{2} m v^{2} 
\frac{d K}{d t} =\frac{d}{d t}\left(\frac{1}{2} m v^{2}\right) 
=m v \frac{d v}{d t}=F_{t}v

जहाँ Ft= परिणामी स्पर्शज्या बल है।

\frac{d K}{d t}=\overrightarrow{\mathbf{F}} \cdot \overrightarrow{\mathbf{v}}

जहाँ, \quad \overrightarrow{\mathbf{F}}= परिणामी बल

d K=\overrightarrow{\mathbf{F}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{v}} d t=\overrightarrow{\mathbf{F}} \cdot \overrightarrow{\mathbf{d} \mathbf{r}}

\therefore

\int d K=K_{f}-K_{i}=\int \overrightarrow{\mathrm{F}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{d}} \mathrm{r}=W

\therefore

W=K_{t}-K_{i}=\Delta K

👉यदि परिणामी कार्य w धनात्मक है तो Kf-Ki धनात्मक अर्थात Kf > Ki , अतः गतिज ऊर्जा में वृद्धि होगी। इसी प्रकार यदि परिणामी कार्य W ऋणात्मक है तो KfKi = ॠणात्मक अर्थात् Kf < Ki , अत: गतिज ऊर्जा में कमी होगी।

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